Wednesday, August 9, 2017

Motivational Story in Hindi : हिंदी प्रेरणादायक कहानी


Everyday Learn New Things : आप अपनी आंतरिक शक्ति को पहचाने | अपनी शक्ति को आप महत्वहीन ना माने | अपने को पहचान ना पाने के कारण ही आप ठीक ढंग से अपने जीवन को व्यतीत नहीं करते हैं | ईश्वर ने आपको सारे अंग दिए हैं | आप उनका उपयोग करिए | ईश्वर ने आप का कोई भी अंग बेकार नहीं बनाया है | तब आप क्यों नहीं इनका उपयोग करते हैं | इसमें तब गलती किसकी है | अगर आप अपंग है या विकलांग है तो भी इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता | एक युवक की कथा है | वह विवाहित था, जवान था, खूबसूरत था | एक दिन अचानक उसके दोनों हाथ किसी मशीन में आने से कट गए | डॉक्टर बड़ा परिश्रम कर उसको बचा पाए | दोनों कटे हाथों की वजह से उसकी जिंदगी एक बोझ बन गई| वह बहुत लाचार हो गया था | किसी प्रकार के काम के लायक ना रह गया था | वह भाइयों की रोटियों के टुकड़ों पर पलने लगा | उसके साथ उसके भाई भिखमंगों के समान उसके साथ व्यवहार करने लगे | उसने अपनी पत्नी को भी लातों से पीटना शुरु कर दिया | जिसे कल तक वह बहुत प्यार किया करता था | एक दिन भाइयों ने उसका बड़ा अपमान किया उसे दो दिन तक खाना नहीं दिया | खूब जली कटी सुनाई भाभियों ने भी खूब सुनाई उसके मन को गहरी ठेस लगी | वह इतना दुखी हो गया कि वह आत्महत्या करने को उतारू हो गया | रेल लाइन पर कटकर मरने का विचार पक्का हो गया | जब वह रेल लाइन पर कटने के इरादे से लेट गया तभी अचानक उसकी आत्मा ने उसे ललकार दिया | अरे तू यह क्या कर रहा है | अरे कुछ करके दिखा | वह उठ गया घर की ओर चल पड़ा | पास एक पैसा नहीं, भूखा पेट, एक ग्वाले के पास गया कमीशन पर उसका दूध बेचने की पेशकश की उसने पूछा कैसे जाओगे इन टांगों पर उसने अपने टूट हाथ दिखलाएं |



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उस का साहस देखकर ग्वाला मान गया | उसने दूध के दो डिब्बे लटका दिए | उनको लेकर 4 किलोमीटर दूर पैदल शहर में बेचने ले गया | उसका सारा दूध निकल गया |उसका उत्साह देखकर और लोग भी उसके ग्राहक हो गए | वह एक दिन में दो फेरे लगाने लगा | आमदनी बढ़ती गई उसने पैसा जोड़कर एक भैंस खरीद ली | अपनी भैंस का दूध बेचना शुरु कर दिया | उसकी पत्नी भी सहायता करने लगी | वह दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाता गया | अच्छी खासी डेरी बन गई | देखते देखते उसकी खूब आमदनी हो गई | उसने अपना मकान बना लिया | वह सुखी हो गया | उसके भाइयों की हालत खराब हो गई | तब वह उनके परिवारों का भी पालन पोषण करने लगा | उसने अपना जीवन सुखमय बना लिया | बिना हाथों के वह एक सफल सुखी व्यक्ति बन गया | जब बिना हाथ वाला इतनी प्रगति कर सकता है तो आप के तो दोनों हाथ सही सलामत हैं आप उससे ज्यादा ही प्रगति कर सकते हैं आप नहीं कर पा रहे हैं तो फिर इसमें दोष किसका है |

इस हाथ कटे ने अपने आप को पहचान लिया था | इस तरह वह आगे बढ़ गया |आपने अपनी गुप्त शक्तियों को नहीं पहचाना है | आप अपनी शक्तियों को ना पहचान पाने के कारण जीवन के महान कार्यों से वंचित रह जाते हैं | आपको क्या मालूम कि आपके भीतर गुणों विशेषताओं या योग्यताओं का भंडार भरा पड़ा है | अपनी शक्तियों और वास्तविक रुप स्वरुप को ना पहचान कर आप कभी भी अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाते | अंधकार का पर्दा हमारे सामने बराबर पड़ा रहता है | जब तक कोलंबस अमेरिका नहीं पहुंचा था तब तक वहां के लोगों को इस बात का एहसास ना था कि एक दुनिया और है | इसी प्रकार जब तक हमारे ज्ञान का कोलंबस आपके अंत करण के अमेरिका तक नहीं पहुंचता है तब आपको इस बात का एहसास नहीं ना होगा कि एक दुनिया और है |
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इसलिए अपने अंदर झांक कर अपनी आत्मिक शक्ति को पहचाने और अपनी आत्मिक शक्ति को पहचान कर | अपने उस कार्य में लग जाए जिस कार्य में आप सफल होना चाहते हैं सफलता आपके कदमों को चूम लेगी |

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