वास्तव में बुराई है क्या ?
बुराइयां हमारी इंद्रियों की दुर्बलता के कारण उत्पन्न होती हैं जब हमारा इंद्रियों पर वश नहीं रह जाता तो हम इसके गुलाम बन जाते हैं
जब तक हम उस इंद्रिय सुख की प्राप्ति नहीं कर लेते तब तक हम को चैन नहीं मिलता है सुख शांति का हम अनुभव नहीं कर पाते हैं |
उदाहरणत: शराब का नशा, जुआ, या स्त्री आशक्ति, हेरा फेरी, झूठ बोलना, ठगी आदि अनेक प्रकार की बुराइयां कुकर्म है जिनके हम गुलाम बन जाते हैं इनसे छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय है कि हम अपनी इंद्रियों को अपने वश में रखें बुराइयां अपने आप दूर हो जाएँगी |
जब आपने बुरा काम कर लिया तो उस पर कभी पश्चाताप मत करिए, पश्चाताप से कोई लाभ नहीं होने वाला है पश्चाताप के स्थान पर आप इस बात का प्रयतन करें और ऐसी व्यवस्था सोचे की दोबारा वह काम आपसे ना होने पाए इस बात की कोशिश हमेशा करते रहना चाहिए |
कुछ बुराइयां इस प्रकार की भी होती हैं कि जिनको हम सरलता से पकड़ नहीं पाते हैं जैसे आवश्यक कार्य को भूलने की आदत, हर बात में नकरात्मक सोच रखना यह सब दुर्गुण हैं इन सबकी और हमारा ध्यान ही नहीं जाता है ये साधारण बाते भी आप सफलता की राह में रोड़े उत्पन करती हैं आप इन कमजोरियों को पकड़ नहीं पाते हैं इस प्रकार हमको छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देना चाहिए |
यदि आपसे कोई भूल हो जाये तो इस पर आप पश्चाताप ना करें, पश्चाताप करना या घबराना अपना काम बिगाड़ना है उसे एकदम भूल जाएं और अपना काम शुरू कर दें अपनी संपूर्ण इच्छा शक्ति को इसके पीछे नियोजित कर दें आप जैसे जैसे अपनी गलतियों को सुधारते जाएंगे वैसे वैसे आप सफलता के पास पहुंचते जाएंगे | अपने हर कदम को संभाल संभाल कर आगे बढ़ाना ही आपको सफल व्यक्ति बनाएगा |
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